प्रश्न - आजकल टेलीविजन में अनेक धन संपदा देने वाले यंत्रो का प्रचार प्रसार हो रहा है. क्या यह यन्त्र
धन संपदा अथवा सिद्धि देते हैं?
उत्तर - इनके द्वारा मनुष्य के भीतर बैठे भय और लोभ को भुनाया जा रहा है. आपको जीवन में जो भी मिलना है वह आपके कर्म हैं. पिछले जन्म के कर्म दैव और इस जन्म के कर्म पुरुषार्थ कहलाता है.
प्रश्न - क्या टोने टोटके होते हैं?
उत्तर- आपके मन का भय इनको जन्म देता है. वास्तव में टोने टोटके कुछ भी नहीं हैं. यह अज्ञान और तामसिक ज्ञान है.
प्रश्न- क्या वास्तु विज्ञान होता है.
उत्तर- वास्तु कोई विज्ञान नहीं है. यह लोग भी.मनुष्य के भीतर बैठे भय को भुना रहें हैं.
इस विषय में में आपको एक उदाहरण देता हूँ भारत के मदानी गर्म प्रदेशों में उत्तर और पूर्व मुखी मकान आरामदायक होते हैं इसका कारण है दक्षिण पश्चिम के मकान बहुत अधिक गर्म हो जाते हैं वहीँ हिमालय के पहाड़ी क्षेत्र में पूर्व और दक्षिण मुखी मकान आरामदायक होते है क्योंकि इनमें जाड़ों में धूप अच्छी मिलती है. उत्तर मुखी मकान अत्याधिक ठन्डे हो जाते हैं.इसी प्रकार चोकोर एवं आयताकार जमीन मकान के लिए अच्छी होती है. भोगोलिक एवं सुविधाजनक स्थिति को भय और भ्रम के नाम से बेचा जा रहा है.
प्रश्न- महूर्त विज्ञान क्या है?
उत्तर- महूर्त विज्ञान कोई विज्ञान नहीं है. एक ही महूर्त में हमेशा शुभ और अशुभ घटना घटित होती हैं. कितना ही शुभ महूर्त हो तो उस महूर्त में यदि किसी के घर में जन्म, विवाह, मकान बनने आदि की खुशी है तो दूसरे के घर में बीमारी,तलाक,झगड़ा एवं मृत्यु आदि का दुःख होता है,
प्रश्न- ज्योतिष के विषय में आपका क्या अभिमत है.
उत्तर- ज्योतिष के दो पक्ष हैं १- गणित २-फलित
गणित पूर्णतया वैज्ञानिक है जो नक्षत्र विज्ञान और समय गणना पर आधारित है.
फलित ज्योतिष व्यक्तिगत है.
प्रश्न- फलित ज्योतिष व्यक्तिगत है से आपका क्या तात्पर्य है.
उत्तर- यदि हम १२ रासियों के आधार पर नित्य भविष्य वाणी करें तो व नितांत बेवकूफी है. विश्व जन सख्या लगभग 06 अरब है. इस प्रकार एक राशि में 60 करोड़ लोग आते हैं.प्रतिदिन, प्रतिघंटे, मिनिट, सेकिंड सबका भाग्य कैसे एकसा हो सकता है?
किसी व्यक्ति के जन्म समय के आधार पर बनी सम्पूर्ण गृह स्थिति और उसकी पारवारिक पृष्ठभूमि को देखकर कोई श्रेष्ठ ज्योतिषी जिनकी संख्या भारत में 10 भी नहीं होगी 75% ही सही भविष्य फल बता सकता है.
इस विषय में यह भी समझ लें कि 75% सही भविष्य फल जाना तो जा सकता है परन्तु उस अच्छी अथवा बुरी घटना को रोकने का कोई उपाय नहीं है. बुरे की आशंका से आपका वर्तमान भी खराब हो जाता है इसलिए भविष्य फल जानने का प्रयास न करें.
प्रश्न- रत्न विज्ञान क्या है?
उत्तर- मन का भ्रम है.
प्रश्न- क्या कष्ट दूर करने का कोई उपाय है?
उतार- प्रभु का स्मरण, प्रार्थना, पुरुषार्थ, प्राणियों की सेवा, प्रेम से जीवों को भोजन कराना, माता पिता की सेवा, निस्वार्थ भाव से अतिथि सेवा और दान से आप कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं या उनको कम कर सकते हैं. यदि कोई सच्चा संत जिसका मिलना कठिन है कृपा कर दे तो भी आप कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं.
प्रश्न- पिंड दान और श्राद्ध के विषय में आपका क्या अभिमत है.
उत्तर- यह विधान आपकी श्रद्धा से जुड़ा है. श्रद्धा से अपने पितरों को याद करना अच्छी बात है.उनके प्रति कृतज्ञता है. भय से किया पिंड दान और श्राद्ध तामसिक है.
प्रश्न- तर्पण क्या है?
उत्तर- प्रत्येक जीव को अपना तप अर्पण करना तर्पण है यह प्रति दिन करना चाहिए.यहाँ भी आपकी श्रद्धा का महत्व है. भय से किया तर्पण तामसिक है.
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