Monday, November 25, 2013

तेरी गीता मेरी गीता- धन्य हैं वे ?- 103 -बसंत

प्रश्न-धन्य कौन हैं?
उत्तर- 1.धन्य हैं वे जो बोध को प्राप्त हो गए हैं क्योंकि वे परमात्मस्वरूप हो गए हैं.
2.धन्य हैं वे जो बोधिसत्व हो गए हैं क्योंकि वे बोध को प्राप्त होंगें.
3.धन्य हैं वे जो आत्मरत हैं क्योंकि वे परम पद को पायंगे.
4.धन्य हैं वे जो स्वरुप अनुसंधान में लगे हैं वे स्वरुप अनुभूति को प्राप्त होंगें.
5.धन्य हैं वे जो प्रार्थना करते हैं क्योंकि उन पर कृपा की जायेगी.
6.धन्य हैं वे जिनका हृदय पवित्र हैं वह ईश्वर के दर्शन करेंगे.
7.धन्य हैं वे जो दया करते हैं क्योंकि उन पर दया की जायेगी.
8.धन्य हैं वे जो सत्य बोलते हैं क्योंकि वे सत स्वरुप को जानेंगें.
9.धन्य हैं वे जो अहिंसा को धारण करते हैं क्योंकि वह मृत्यु को जीत लेंगे.
10.धन्य हैं वे जो क्षमा करते हैं क्योंकि उनको क्षमा  दी जायेगी.
11.धन्य हैं वे जो प्रेम करते हैं क्योंकि उनको प्रेम प्राप्त होगा.
12.धन्य हैं वे जो दूसरे के दुःख से दुखी होते हैं क्योंकि वे श्रेष्ठता को प्राप्त होंगे.
13.धन्य हैं वे जो परोपकार में रत हैं क्योंकि वे दिव्यता को प्राप्त होंगें.
14.धन्य हैं वे जो सत्य की खोज में लगे हैं क्योंकि वे सत्य को जानेंगे.
15. धन्य हैं वे जिनके मन शुद्ध  हैं क्योंकि वे ईश्वर को जानेंगें.
16.धन्य हैं वे जो निष्काम हैं क्योंकि वे संसार को जीतेंगे.

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