Sunday, February 24, 2013

तेरी गीता मेरी गीता -उस पूर्ण पुरुष को किस प्रकार कहा जा सकता है?

प्रश्न - उस पूर्ण पुरुष को किस प्रकार कहा जा सकता है?

उत्तर-
मैं चेतन का कारण हूँ
मैं विचार का कारण हूँ.
मैं धारण करने की शक्ति का कारण हूँ.
मैं मृत्यु का कारण हूँ.
मैं जीवन का कारण हूँ.
मैं स्थिति का कारण हूँ.
मैं ज्ञान और अज्ञान का कारण हूँ.
मैं सृष्टि का कारण हूँ.
मैं प्रकृति का कारण हूँ.
मैं पदार्थ का कारण हूँ.
मैं समय का कारण हूँ..
मैं वेद का कारण हूँ.
मैं शरीर का कारण हूँ.
मैं ब्रह्माण्ड का कारण हूँ.
मैं अन्तरिक्ष का कारण हूँ.
मैं बीज का कारण हूँ.
मैं बुद्धि का कारण हूँ.
मैं स्मृति का कारण हूँ.
मैं क्रिया का कारण हूँ.
मैं प्रत्येक अणु-परमाणु का कारण हूँ.
मैं कारण का भी कारण हूँ.
सबका कारण होते हुए भी मैं उनमें नहीं हूँ.
मैं पूर्ण होते हुए पूर्णता का कारण हूँ.
मैं विशुद्ध, शांत और पूर्ण ज्ञान हूँ.

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