Wednesday, April 24, 2013

तेरी गीता मेरी गीता - त्रिदेव - 64 - बसंत

प्रश्न - कृपया त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, शिव-शंकर के बारे में बतायें?

उत्तर- आत्म तत्त्व अव्यक्त है वह मुख्यतया तीन रूपों में व्यक्त होता है, सत्व, रज और तम.
रज से जन्म होता है इस स्थिति में आत्मा को ब्रह्मा जी कहते हैं. तम से जड़त्व प्राप्त होता है, मृत्यु होती है. आत्मा की इस तमस स्थिति को शिव शंकर या महादेव कहते हैं. जब स्थिति है, जीवन है तो आत्मा की सत्वमयी स्थिति विष्णु या नारायण कही जाती है. इसी कारण त्रिदेव सदा अभेद हैं. यहाँ गुणों की शुद्धावस्था है इसलिए यह मायामुक्त हैं. अज्ञानीजन इनमें भेद करते हैं. वास्तव में यह त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महादेव अव्यक्त आत्मा का व्यक्त रूप हैं.

सृष्‍टि‍स्‍थि‍त्‍यन्‍त करणीं ब्रह्मवि‍ष्‍णुशि‍वात्‍मि‍काम्.
स संज्ञां याति‍ भगवानेक एव जनार्दन:वि‍ष्‍णु पुराण 1-2-66-विष्णुपुराण

एक ही भगवान जो जनार्दन हैं, जगत की आत्मा हैं वह जगत् की सृष्‍टि‍, स्‍थि‍ति‍ और संहार के लि‍ए ब्रह्मा, वि‍ष्‍णु और शि‍व  इन तीन अवस्थाओं को धारण करते हैं.
दत्तात्रेय ने यही विश्व को बताया, उनके तीन मुख इस त्रिदेव तत्व को ही बताते हैं. .

श्‍वेताश्‍वतरोपनि‍षद् में ऋषि कहते हैं

एको देव: सर्वभूतेषु गूढ़:
सर्वव्‍यापी सर्वभूतान्‍तरात्‍मा
कर्माध्‍यक्ष: सर्वभूताधि‍वास:
साक्षी चेता केवलो निर्गुणश्‍च.

वह एक देव समस्‍त प्राणि‍यों में स्‍थि‍त है, वह सर्वव्यापी, समस्‍त भूतों का आत्मा, कर्मों का अधि‍ष्‍ठाता, समस्‍त प्राणि‍यों में बसा हुआ, सबका साक्षी, सबको चेतन्य प्रदान करने वाला, पूर्ण शुद्ध और निर्गुण है.
इनकी अव्यक्त स्थिति आत्मा कहलाती है. यह आत्मा ही परमात्मा है, ब्रह्म है.

प्रश्न - त्रिदेव के अलावा अन्य देवता क्या हैं?
उत्तर- सत्व, रज और तम की भिन्न भिन्न मात्रा में मिलने से उत्पन्न शुभता और दिव्यता देवता हैं. इनमें सत्व अधिक होता है.

प्रश्न - असुर  क्या हैं?
उत्तर- सत्व, रज और तम की भिन्न भिन्न मात्रा में मिलने से उत्पन्न अशुभता, मलीनता असुर हैं. इन्हीं को दानव, दैत्य, राक्षस कहा गया है. इनमें अधिक तमोगुण के साथ रज अधिक होता है.
यही नहीं संसार के प्रत्येक जीव में सत्व, रज और तम की भिन्न भिन्न मात्रा होती है. और इन गुणों की भिन्न भिन्न मात्रा के अनुसार मनुष्य,पशु, पक्षी, कीट आदि अनेक योनियाँ हैं.

No comments:

Post a Comment

BHAGAVAD-GITA FOR KIDS

    Bhagavad Gita   1.    The Bhagavad Gita is an ancient Hindu scripture that is over 5,000 years old. 2.    It is a dialogue between Lord ...